हे हनुमान ! आप हो सबसे बेमिसाल,तुमसे आँख मिलाये किसकी है मिजाल,सूरज को पल में निगला अंजनी के लाल,मूरत तेरी देखकर भाग जाए काल !!
प्रभु मुझ पर दया करना..मै तो आया हूँ शरण तिहारी..तेरी प्यारी सी मनभावना मूरत..जब-जब देखू मै जाऊ बलिहारी..जय वीर बजरंगी जय श्री राम !!
लंका जला माता सीता को छुटाया..यु ही नहीं महाबली बजरंग हनुमान कहलाया !!जय जय श्री राम !!
जो लेता हैं नाम बजरंग बलि का, सब दिन होते उसके एक समानजय बजरंग बलि, जय श्री हनुमान।
ये दुनिया जो रचे वो भगवान हैं, संकट जो दूर करे वो हनुमान हैंजिससे रूठे ये सारा संसार हैं, बजरंगी करते उससे प्यार हैं।
अर्ज़ मेरी सुनो अंजनी के लाल, काट दो मेरे घोर दुखों का जाल,तुम हो मारुती-नन्दन, दुःख-भंजन, करूँ मैं आपको दिन रात वन्दन।
हनुमान तुम बिन राम हैं अधूरे, करते तुमभक्तों के सपने पूरेमाँ अंजनी के तुम हो राजदुलारे, राम-सीता को लगते सबसे प्यारे।
सबके दुःख को दूर करे वो बजरंगबली, देते सुख, करते सब भक्तों की भलीराम-राम हरपल वो करते जाप हैं, सकल सृष्टि के करता प्रभु आप हैं।
अंजनी के लाल मैं पानी, तुम हो चन्दन, हे महाबीर तुमको कहते दुःख-भंजन,इस जग के नर-नारी सब शीश झुकाते हैं, नाम बड़ा है तेरा सब गुण तेरे गाते हैं।
मेरे बजरंगी अब तो कर दो मेरा पार, तुम हो दुख-हर्ता कहता ये सारा संसार,सीता मैया की लंका से खबर तुम लाये, तभी तो तुम श्री राम के मन को भाये।
बजरंगी तेरी पूजा से हर काम होता हैं, दर पर तेरे आते ही दूर अज्ञान होता हैं,राम जी के चरणों में ध्यान होता हैं, इनके दर्शन से बिगड़ा हर काम होता हैं।
कौन सो संकट मोर गरीब को जो तुमसो नहि जात है टारो,बेगि हरों हनुमान महाप्रभु जो कछु संकट होय हमारो !!
भीड़ पड़ी तेरे भक्तों पर बजरंगी..सुन लो अर्ज़ अब तो दाता मेरी..हे महावीर अब तो दर्शन दे दे..पूरी कर दो तुम कामना मेरी..वीर बजरंगी बलि की जय !!
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूर्ति रूप..राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप..पवन पुत्र हनुमान की जय !!
हनुमान लिपट जाये राम के चरण में, जब कष्ट हो तब हम आये आपकी शरण मेंसीने में अपने राम को छुपा रखा हैं, हमने अपना पूरा जीवन आपको दे रखा हैं..।।