jannat ka har lamha, deedaar kiya tha, GOD me uthaakar JAB MAAN NE pyaar kiya tha.
यूँ तो मैंने बुलन्दियों के हर निशान को छुआ, जब माँ ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ।
मैंने कभी भगवान को नहीं देखा है लेकिन मुझे इतना यकीन हे की वो भी मेरी माँ की तरह होगा .
mainne KABHEE bhagavaan ko NAHIN dekha HAI, lekin mujhe itana yakeen he kee VO bhee meree maan kee tarah HOGA
उतरने ही नहीं देती मुझ पर कोई आफत मेरी मां की दुआओं ने आसमान रोक रखा है .
दवा असर ना करें तो नजरें उतारती है, वह मां है जनाब कहां हार मानती है .
वो लम्हा जब मेरे बच्चे ने माँ पुकारा मुझे, मैं एक शाख़ से कितना घना दरख़्त हुई।
माँ है तो फिर सब कुछ है इस जहाँ में, कौन कहता है यहाँ जन्नत नहीं मिलती।
maan HAI to PHIR sab KUCHH hai is JAHAAN MEIN, kaun kahata hai yahaan jannat nahin milatee.
मां कहती नहीं लेकिन सब कुछ समझती है, दिल की और जुबां की दोनों भाषा समझती है।
maan kahatee NAHIN LEKIN SAB kuchh samajhatee hai, dil KEE aur jubaan kee donon bhaasha samajhatee hai.