बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरे,

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इक शहर अब इनका भी होना चाहिए !

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तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा,

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हम चाहते ही क्या थे तुमसे तुम्हारे सिवा !

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वक्त नहीं बदलता है अपनों के साथ,

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बस अपने बदल जाते हैं वक्त के साथ !

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जब वक्त खराब हो तो,

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सुकून देने वाले भी दर्द दे जाते हैं !

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कभी सुकून मिलता था तेरी बातों से,

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तेरा जिक्र होने पर अब हम बात बदल देते हैं !

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जैसे खुशी के आंसू होते हैं,

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वैसे ही गम की भी हँसी होती है !

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मत आने दो किसी को करीब इतना,

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कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये !

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कसूर तो बहुत किए है जिंदगी में पर,

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