दिखावे की दुनियाँ से थोड़ा दूर रहता हूँ मैं,

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इसलिए शिव भक्ति में चूर रहता हूँ मैं !

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जो लोग ईश्वर को पाना चाहते हैं,

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उन्हें वाणी मन इंद्रियों की पवित्रता और,

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एक दयालु हृदय की जरूरत होती हैं !

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भगवान वह नहीं जो मन की मनोकामनाओं को,

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पूरा करता हो बल्कि भगवान वह है जो,

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मन से मनोकामनाओं का नाश करता हो ।

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जब गमों ने तुमको घेरा हो,

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तुम हाल श्याम को सुना देना,

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जब दुनिया तुमसे मुँह मोड़े,

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तुम अपने श्याम को मना लेना,

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मेरे श्याम तो करूणा के सागर हैं,

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तुम डुबकी उसमें लगा लेना ।

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ईश्वर पर आप तभी विश्वास कर सकते हैं,

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