ग़मों की बरसात समेटे बैठा हूँ , किसी बेवफा से धोखा खाया बैठा हूँ , जाने कब देगा उपरवाला मुझे मौत , खुदा के भरोसा आस लगाये बैठा हू
शहर में हमदम पुराने बहुत थे नासिर;वक़्त पड़ने पर मेरे काम ना आया कोई।
यू तो कोई तन्हा नही होता,चाहकर किसी से कोई जुदा नही होता,मोहब्बत को मजबूरिया ही ले डूबती है,वरना खुशी से कोई बेवफा नही होता.
पहले ज़िंदगी छीन ली मुझसे,अब वो मेरी मौत का भी फ़ायदा उठाती है,मेरी क़बर पे फूल चढाने के बहाने,वो किसी और से मिलने आती है..!!!
समझ लेते हैं हम उनकी दिल की बात को,वो हमें हर बार धोका देते है,लेकिन हम भी मजबूर हैं दिल से,जो उन्हें बार बार मौका देते हैं…!
तेरी दोस्ती ने दिए सुकून इतना,कि तेरे बाद कोई भी अच्छा न लगे,तुझे करनी हो बेवफाई तू इस अदा से करना,कि तेरे बाद कोई भी बेवफा न लगे…!!!
अनजाने में दिल गँवा बैठेइस प्यार में कैसे धोखा खा बैठेउनसे क्या गिला करे, भूल तो हमारी थीजो बिना दिल वालों से दिल लगा बैठे
कैसी है यह हमारी तक़दीर,हर तरफ दागा ही पाया है.दिल मे तो है प्यार ही प्यार लेकिन,हर तरफ बेवफाओ को ही पाया है.
इंनकार करते करते, इकरार कर बैठे,हम तो एक बेवफा से प्यार कर बैठे.
कोई वादा नही फिर भी तेरा इंतेज़ार है,जुदाई के बाद भी तुमसे प्यार है,तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,मुजसे मिलने को तू अब भी बेकरार है.
हर दिल का ज़ख़्म धो लेते हे,आंशु ओ के जाम से.इतनी बेवफ़ाई करो की,नफ़रत हो जाए लड़की ओ के नाम से
इश्क ए मोहब्बत मे कभी ऐसे तस्वीर भी होगी,हमे क्या पता के किसी बेवफा के लिए शायरी भी लिखनी होगी .
वफ़ा के नाम से वोह अनजान थे!किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे!हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला!हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे!
मेरी मौत के सबब आप बने;इस दिल के रब आप बने;पहले मिसाल थे वफ़ा की;जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने।