इतना भी गुमान न कर आपनी जीत पर ‘ऐ बेखबर’शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं।।
मेरे दिल को यु कैद ना कर,ए पगली, दिल के नवाब हे, तेरे पिंजरे के पंछी नही.!
अपनी औकात में रहना, सीख ले बेटा। वर्नाजो हमारी आँखों में खटकते हैं वो श्मशान में भटकते हैं
इलायची के दानों सा है मुकद्दर मेरा , महक उतनी ही बिखरी जितने पिस्ते गए
ज्यादा ख़्वाहिशें न रखिये जिंदगी से, बस अगला कदम पिछले से बेहतरीन होना चाहिए
सामने जो है , उसे लोग बुरा कहता है और जो दिखाई नहीं देता लोग उसे खुदा कहता हैं
खेल जो भी खेलो दिमाग से खेलना जीत जाओगे …… दिल को बीच मे लाए तो हार जाओगे
रिश्ता क्या है ये जानने से अच्छा है इसमें कितना अपनापन है ये महसूस कीजिए
मेरी हिम्मत को कम मत आंको, मैं वो हूँ जो टूटे धागों को जोड़कर ख़्वाब बुन लेता हूँ
धुएँ ने भी ढूँढ लिया है अपना वजूद, पहले खुद को खो कर फिर हवा का होकर