जुबां को रोको तो आँखों में झलक आता है,

Read More

ये जज्बा-ए-इश्क है जनाब इसे सब्र कहाँ आता है !

Read More

अगर मोहब्बत नही थी तो बता दिया होता,

Read More

इस दिल को टूटने से बचा लिया होता !

Read More

मुझे छोड़कर वो खुश है तो शिकायत कैसी,

Read More

अब मैं उन्हें खुश भी ना देखूं तो मोहब्बत कैसी !

Read More

जिन्दगी की हकीकत बस इतनी सी है,

Read More

की इंसान पल भर में याद बन जाता है !

Read More

अपनी तन्हाई में तनहा ही अच्छा हूँ

Read More

मुझे जरूरत नहीं दो पल के सहारो की !

Read More

लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती है,

Read More

शायद उन्होंने मेरा हदों से गुजरना नहीं देखा !

Read More

शिकायत तों मुझे खुद से है,

Read More

तुझसे तो आज भी इश्क है !

Read More

हादसे जान तो लेते हैं मगर सच ये है,

Read More