कौन है जिसे कमी नहीं है,

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आसमान के पास भी जमीन नहीं है !

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अक्सर अंधेरों से भरी गलियों में,

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नजर आई रोशनियां आंखों को चुभा करती हैं !

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कुछ सीख लो फूलों से,

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खुद महकना ही नहीं गुलशन को महकाना भी है !

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सही को सही और गलत को गलत कहता हूँ,

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इसीलिए शायद रिश्ते कम रखता हूँ !

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मुश्किलों से कह दो की उलझे ना हम से,

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हमे हर हालात मैं जीने का हूनर आता है !

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हाल मीठे फलों का मत पूछिए साहब,

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रात दिन चाकू की नोंक पे रहते है !

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अच्छा हैं की जानवर कुछ बोलते नहीं,

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अगर बोलते तो इंसानियत शर्मशार हो जाती !

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यूँ शक ना किया करो मेरी दोस्ती पे,

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