हर शख्स अकेला है शहरों में, और यह गांव है कि इसे शहर बनने की जल्दी है।
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आज यूँ ही रोना आया तो वजहें कई और भी याद आई, हर एक आँसू पर एक सवाल भी मिटता चला गया।
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तुम वही हो, इच्छाएँ नई हैं, पर आदतें वही हैं।
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ज़िंदगी आज के हिसाब से जियो, कल खुद बदल जाएगा।
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ना पीछे में ना आगे में, अभी में जीने का नाम है ज़िंदगी II
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ज़िंदगी और कुछ नहीं, यादों का सफर है।
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जो ज़िंदगी सिखाती है, वो ज़िंदगी भर याद रह जाती है I
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तुम से बिछड़ने के बाद ही, ज़िंदगी से मेरी मुलाकात हुई।
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ज़िंदगी के हर दर्द को सहता जा, और अपनी मंज़िल की ओर बढ़ता जा II
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